श्याम लाल कॉलेज के हिंदी विभाग की गिनती दिल्ली विश्वविद्यालय के सर्वश्रेष्ठ हिंदी विभागों में की जाती है। अपनी स्थापना के वर्ष 1964 से यह हिन्दी के अध्यापन के क्षेत्र मे श्रेष्ठता का प्रतिमान गढ़ रहा है। वर्तमान में यह कॉलेज का एकमात्र पीजी स्नातकोत्तर विभाग है। हिंदी विभाग में 16 प्राध्यापक कार्यरत हैं, जिनमें से 1 प्रोफेसर, 8 एसोसिएट प्रोफेसर और बाकी असिस्टेंट प्रोफेसर हैं :
विभाग के शिक्षक अपने विषयों के विशेषज्ञ और सम्मानित लेखक भी हैं, जिनकी कई किताबें प्रकाशित हैं। साथ ही प्रमुख पत्रिकाओं में उनके लेखों का लगातार प्रकाशन होता रहता है। विभाग के कई सदस्यों को भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार, सर्जना पुरस्कार ( उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान ) , देवीशंकर अवस्थी पुरस्कार, ज्ञानोदय पांडुलिपि पुरस्कार, पाखी युवा शब्दसाधक सम्मान जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं। यह विभाग की गुणवत्ता का एक प्रमुख सूचक है। विभाग के कई प्राध्यापक पीएच.डी शोध का निर्देशन भी कर रहे हैं।
कॉलेज का हिंदी विभाग स्नातकोत्तर और स्नातक की पढ़ाई कराता है और इसमें कुल सीटों की संख्या 185 के करीब है।
कॉलेज का हिंदी विभाग अकादमिक के साथ-साथ छात्रों के समग्र विकास के लिए उन्हें पाठ्यक्रम इतर गतिविधियों के लिए भी प्रोत्साहित करता है। विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष विद्यार्थियों के व्यक्तित्व को ध्यान में रखते हुए हिंदी साहित्य सभा के तत्त्वावधान मे कई कार्यक्रमों, कार्यशालाओं, गोष्ठियों आदि का आयोजन किया जाता है। विभाग हिंदी दिवस, मातृभाषा दिवस, सरस्वती पूजा-वसंत पंचमी जैसे दिनों और त्योहारों का भी आयोजन करता है। इसके साथ ही विभाग में कविता पाठ, साहित्यिक प्रश्नोत्तरी, वाद-विवाद-भाषण, आशु लेखन आदि प्रतियोगिताओं का भी आयोजन नियमित तौर पर किया जाता है, जिसमें विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलता है।
विभाग के कई विद्यार्थी कॉलेज से पढ़ाई पूरी करके दिल्ली विश्वविद्यालय में प्राध्यापक, प्रतिष्ठित निजी और सरकारी स्कूलों में अध्यापक, हिंदी ट्रांसलेटर आदि जैसी अच्छी नौकरियां कर रहे हैं। विभाग के विद्यार्थी बीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय या दूसरे विश्वविद्यालयों से एमए, बीएड जैसे पाठ्यक्रमों में दाखिला लेते हैं। एमए के बाद विभाग के कई छात्रों ने पीएच.डी में दाखिला लिया है, जो कि विभाग की एक बड़ी उपलब्धि है। काफी बड़ी संख्या में विभाग के विद्यार्थी यूजीसी-नेट परीक्षा में भी उत्तीण हो रहे हैं। विभाग के कई छात्र अभिनय, फोटोग्राफी, फिल्म निर्माण, नृत्य, खेल आदि में भी नाम कमा रहे हैं। छात्रों की रचनात्मकता को सामने लाने के लिए विद्यार्थियों की एक भित्ति पत्रिका (वॉल मैग्जीन) ‘अभिव्यंजना’ निकाली जाती है। साथ ही छात्रों को शैक्षणिक यात्राओं पर भी ले जाया जाता है, ताकि उनका ज्ञान सिर्फ किताबों तक ही सीमित न रहे।
1. प्रो. हेमंत कुकरेती : प्रोफेसर पीएच.डी
2. डॉ नंद किशोर : एसोसिएट प्रोफेसर पीएच.डी
3. डॉ राकेश मीणा : एसोसिएट प्रोफेसर पीएच.डी
4. डॉ प्रभात शर्मा : एसोसिएट प्रोफेसर पीएच.डी
5. डॉ सुजाता तेवतिया : एसोसिएट प्रोफेसर पीएच.डी
6. डॉ राजकुमार प्रसाद : एसोसिएट प्रोफेसर पीएच.डी
7. डॉ सत्य प्रिय पाण्डेय : एसोसिएट प्रोफेसर पीएच.डी
8. डॉ समरेंद्र कुमार : एसोसिएट प्रोफेसर पीएच.डी
9. डॉ अमिताभ राय : एसोसिएट प्रोफेसर पीएच.डी
10. डॉ रमेश बर्णवाल : असिस्टेंट प्रोफेसर पीएच.डी
11. डॉ अवनीश मिश्र : असिस्टेंट प्रोफसर पीएच.डी
12. डॉ हनुमत लाल मीणा : असिस्टेंट प्रोफेसर पीएच.डी
13. डॉ लक्ष्मी बिश्नोई : असिस्टेंट प्रोफसर पीएच.डी
14. डॉ सुमन असिस्टेंट प्रोफसर पीएच.डी
15. डॉ निधि मिश्रा असिस्टेंट प्रोफसर पीएच.डी
16. सुश्री रश्मिता साहू असिस्टेंट प्रोफसर पीएच.डी शोधरत